पहली दफ़ा देखा है के
फ़ासलों को बढ़ाना है
एक लाईलाज बीमारी है
और बेअक्ल ज़माना है ।
#हिदायत दूरियों की है
मुल्क में तालाबंदी है
सरकारी हुक़्म हो गया है
के घर थाली बजाना है।
दुआ की भी ज़रूरत है
दवाएं आज़माना है
#ज़मीं से आसमानों तक
कहीं आना न जाना है ।
शहरों के शहर चुप हैं
खुदाओं के भी दर चुप हैं
ये कैसा मंज़र है कि अब
इंसा से इंसा को बचाना है।
कहीं मातम ही पसरा है
कहीं #दहशत का आलम है
किसी की जान आफ़त में
किसी को जश्न में जाना है ।
बड़ा ऐलान करते थे
#ख़ुदा मैं हूँ ख़ुदा मैं हूं
खुदा ने आज सोचा है
फरक ये आज़माना है ।
#corona #wordsofchandan #JantaCurfew #tribute